ब्रह्मचारी कैसे बने ? ब्रह्मचर्य के नियम | HOW TO QUIT PORN ADDICTION | BRAHMACHARYA BENEFITS IN HINDI

 ब्रह्मचारी कैसे बने ? 

TODAY GIVEN INFORMATION ABOUT BRAHMACHARYA BENEFITS AND RULES IN HINDI. BRAHMACHARYA MEANING IN HINDI

POWER OF BRAHMACHARYA



1. महावीर स्वामी के अनुसार ब्रह्मचारी ऐसी जगह पर रहे, जहां शांत माहौल हो, बस्ती कम हो.


2. स्त्रियों से संबंधी ऐसी कोई भी बात न करें, जो चित्त में आनंद पैदा करती हों और विषय वासना को बढ़ाती हों।


3. ब्रह्मचारी स्त्रियों के अंगों को, उनके हावभावों व कटाक्षों को देखने से परहेज करें।


4. ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले व्यक्ति को रसीली चिकनी चीज जैसे- घी, दूध, दही, तेल, गुड़, मिठाई आदि को छोड़ देना चाहिए। क्योंकि इसके सेवन से विषय वासना को शीघ्र उत्तेजना मिलती है।


5. ब्रह्मचारी को समय पर भोजन करना चाहिए और भोजन भी ऐसा हो जो धर्म से मिला हो। उसे परिमित भोजन करना चाहिए।


ब्रह्मचर्य रक्षा के 30 उपाय 


🔰1. ब्रह्मचर्य रक्षा के उपाय में भोजन में ऐसा कोई पदार्थ ना खाए जो कि उत्तेजना को बढ़ाता हो जैसे मिर्च मसाले गरम मसाले अचार खटाई अधिक मात्रा में मीठा अधिक मात्रा में गर्म तासीर की चीजें बिल्कुल भी नहीं खानी चाहिए।


🔰2. गलत व्यक्तियों का साथ हमेशा के लिए त्याग देना चाहिए हमेशा अच्छे व्यक्तियों का साथ रखना चाहिए जो अच्छी बातें करते हो हमेशा अच्छी पुस्तकें पढ़नी चाहिए वीरों की कहानियां पढ़नी चाहिए ब्रह्मचारियों की योगियों की कहानियां पढ़नी चाहिए।


🔰3. भोजन को खूब चबा चबाकर खाना चाहिए जिससे वह जल्दी हजम हो जाए और कब्ज की समस्या ना होने पाए।


🔰4. हमेशा खुली हवा में घूमने की आदत डालनी चाहिए लंबे गहरे सांस लेने छोड़ने की आदत डालनी चाहिए।


🔰5. रात को जल्दी सो जाना चाहिए 10:00 बजे तक और सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाना चाहिए 3:30 बजे तक या फिर 4:00 बजे तक।


🔰6. स्त्री पुरुष को कभी भी एकांतवास में नहीं रहना चाहिए।


🔰7. अपना हित साधने के लिए लड़कियों को लड़कों से मित्रता और लड़कों को लड़कियों से मित्रता कभी भी नहीं करनी चाहिए।


🔰8. अच्छी पुस्तकों को पढ़ना चाहिए जैसे रामायण, महाभारत, गीता  उपनिषद, सत्यार्थ प्रकाश, राम प्रसाद बिस्मिल जी की जीवनी आदि।


🔰9. आलस्य से हमेशा बच के रहना चाहिए दोपहर को कभी भी नहीं सोना चाहिए दोपहर को यदि नींद आए तो तुरंत मुंह धो लेना चाहिए और कुछ ना कुछ कार्य में लगे रहना चाहिए जिससे कि मन भटके ना।



🔰10. अपनी मुत्रिंद्रिए को ठंडे शीतल जल से धोना चाहिए। ओर ध्यान रहे उस समय अपने मन में कोई भी नकारात्मक विचार नहीं आने देना है। ईश्वर में ही ध्यान बनाए रखना है।



🔰11. ब्रह्मचर्य रक्षा के उपाय के लिए हमेशा शीतल ताजे ठंडे जल से स्नान करना चाहिए गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए सिर्फ बीमार व्यक्ति को ही गर्म पानी से नहाना चाहिए।


🔰12. ब्रह्मचारी को  रोज नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए खासतौर से प्रोफेसर राममूर्ति जी की विधि से व्यायाम करना चाहिए।


🔰13. ब्रह्मचर्य के लिए योग रोज लंबे गहरे सांस लेने और छोड़ने की क्रिया करनी चाहिए जिससे फेफड़ों में शक्ति बड़े रक्त का संचार अच्छा हो प्राण वायु अधिक मात्रा में आए शरीर के भीतर।


🔰14. रोज ईश्वर का ध्यान जरूर करना चाहिए मन ही मन ओ३म या गायत्री मंत्र का जाप जरूर से भी जरूर करना चाहिए और दिन भर में भी कोशिश करनी चाहिए कि ईश्वर का स्मरण बना रहे ताकि मन इधर-उधर भटकने ना पाए।


🔰15. संसार की तरफ ज्यादा आकर्षित कभी भी नहीं होना चाहिए सिर्फ अपना कर्तव्य समझकर अपने कार्य करने चाहिए आकर्षण में उलझ कर व्यर्थ में अपना समय और शरीर नष्ट नहीं करना चाहिए।


🔰16. महीने में कम से कम 1 दिन उपवास जरूर करना चाहिए।


🔰17. ब्रह्मचारी को सफेद आयोडीन युक्त नमक के स्थान पर सदैव ही सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए।


🔰18. अखंड ब्रह्मचर्य के लिए यदि देसी गाय का दूध मिल जाए तो उसका अधिक सेवन करना चाहिए।


🔰19. ब्रह्मचर्य रक्षा के उपाय के लिए कच्ची सब्जियां फल ज्यादा मात्रा में खानी चाहिए।


🔰20. यज्ञोपवीत यानी जनेऊ, शिखा यानी चोटी इन दोनों को जरूर से भी जरूर धारण करना चाहिए 


🔰21. रात को कभी भी भारी भोजन नहीं करना चाहिए रात को भोजन ना करें केवल सोने से आधा घंटा पहले दूध पी लें तो ज्यादा अच्छा रहता है। रात को पिया गया दूध शरीर में बल वीर्य बढ़ाता है।


🔰22. जिनको स्वप्नदोष आदि की समस्या है वह गुड, मिर्च, मसाले, प्याज, लहसुन, आदि का सेवन ना करें। गुड इसीलिए क्योंकि गुड से उतेजना बढ़ती है।


🔰23. दिन में खूब पानी पीते रहना चाहिए।


🔰24. उधार्वरेता प्राणायाम का अभ्यास जरूर करना चाहिए


🔰25. बांसी चीजें कभी भी नहीं खानी चाहिए। हमेशा ताजी ओर शुद्ध सात्विक चीजे ही खाएं।


🔰26. फ्रिज की ठंडी चीजें सीधे ना खाएं यदि फ्रिज की कोई चीज खानी हो तो उसे पहले बाहर निकाल कर रख दें और डेढ़ घंटे बाद जब उसका तापमान सही हो जाए तब उसे खाएं।


🔰27. सफेद नमक और सफेद चीनी  सेवन कभी भी ना करें ।


🔰28. जो, चना, रागी, इन के आटे की रोटी खानी चाहिए। आटा पिस्वाए तो उसे थोड़ा सा मोटा ही रखे बिल्कुल मेदा बारीक ना बनाए।


🔰29. सभी को सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक जरूर से भी जरूर पढ़नी चाहिए जिससे  राम प्रसाद बिस्मिल जी को ब्रह्मचारी रहने की और देशभक्त बनने की प्रेरणा मिली थी।


🔰30. लंगोट को पहनना चाहिए यह ब्रह्मचर्य की रक्षा करता ही है साथ मे अंडकोष से संबंधित कोई भी रोग आपको नहीं होता है, रात को सोते समय लंगोट बांधने की आवश्यकता नहीं होती है।

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Question:-  ब्रह्मचर्य पालन के दौरान जब वासना बहुत बढ़ जाए तो उसे कैसे शांत किया जाए?

🌿Answer:-काम की अग्नि सुखी घास में चिंगारी के समान है जिसे शुरू में नहीं रोका गया तो जलाकर राख कर देती है। ब्रह्मचर्य की कई अवस्थाये है


1.आंखों का ब्रह्मचर्य अर्थात दृष्टि की पवित्रता। आंखों से मस्तिष्क के बीच मणि चमकते सितारे आत्मा को देखना।


2.विचारों में ब्रह्मचर्य मन में शक्तिशाली विचार आएं। जैसें की ब्रह्मचर्य ही सुख शांति की जननी है। ब्रह्मचर्य हमारा स्वधर्म है।


3.वृत्ति में अर्थात सूक्ष्म विचारों में ब्रह्मचर्य।


4.स्वप्न में ब्रह्मचर्य । इसके लिए सोते समय 10 मिनट परमात्मा को याद कर सोएं।


5.वचन में ब्रह्मचर्य अर्थात कम बोलना, मीठा बोलना, स्वमान से बोलना। अश्लील बातें भूल के भे न करना।


6.कर्म में ब्रह्मचर्य । अगर उपरोक्त सारी बातें ठीक है तो कर्म में स्वतः ही ब्रह्मचर्य की धरना होगी।


अग्नी रूप बनने से पूर्व ही इसे शांत कर देना है। ब्रह्मचर्य हमारा स्वांस है। ब्रह्मचर्य हमारी मा है। ब्रह्मचर्य में ही समाज की व विश्व की सर्व समस्याओं का समाधान समय है। यह एक बहुमूल्य निधि है इसे किसी भी कीमत पर नष्ट न होनें दें। यही परमात्म अनुभूति का साधन है। काम व राम दोनों एक साथ नहीं रह सकते।प्राण जाए लेकिन प्रतिज्ञा न जाये।


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ब्रह्मचर्य के लिए मैडिटेशन का अभ्यास जरूर करें। राजयोग मैडिटेशन ज्यादा कारगर है।

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